हास्यकवि अलबेला खत्री द्वारा रचित व संकलित भजन,स्तुतियाँ तथा महापुरूषों के अमृत वचन
Thursday, December 31, 2009
कृपा के योग्य बनने के लिए भी पुरूषार्थ चाहिए
यदि तुम
ईश्वर की दी हुई शक्तियों का
सदुपयोग नहीं करोगे,
तो वह अधिक नहीं देगा ।
इसलिए प्रयत्न आवश्यक है
ईश कृपा के
योग्य बनने के लिए भी
पुरूषार्थ चाहिए
- स्वामी रामकृष्ण परमहंस
नव वर्ष अभिनन्दन ! happy new year !
Wednesday, December 30, 2009
अपने विषय में कुछ कहना.............
अपने विषय में
कुछ कहना
प्राय : बहुत कठिन हो जाता है,
क्योंकि
अपने दोष देखना
अपने-आपको
अप्रिय लगता है
व उनको अनदेखा करना औरों को
- महादेवी वर्मा
TO NIGHT 10P.M. ON STAR ONE
LAUGHTER KE PHATKE
WITH
ALBELA KHATRI & ABHIJEET SAWANT
Tuesday, December 29, 2009
डरने की ज़रूरत नहीं
जो व्यक्ति
किसी भी सत्य से
नहीं डरता,
उसे किसी भी
असत्य से डरने की
ज़रूरत नहीं ।
- थामस जैफरसन
watch & enjoy
laughter ke phatke
by albela khatri & abhijeet sawant
new year special episod on STAR ONE
31 dec. 2009 10 P.M.
Monday, December 28, 2009
वक्त की बर्बादी .............
ज़िन्दगी
कितनी ही बड़ी हो,
वक्त की
बर्बादी से
जितनी चाहे
छोटी बनाई जा सकती है
- जानसन
watch & enjoy
laughter ke phatke
by albela khatri & abhijeet sawant
new year special episod on STAR ONE
31 dec. 2009 10 P.M.
Sunday, December 27, 2009
सन्त कबीर कहते हैं............
कबीरा
गरब न कीजिये,
कबहूँ
न हँसिये कोय
अबहूँ
नाव समुद्र में,
न
जाने का होय
-सन्त कबीर
Saturday, December 26, 2009
भेद स्त्री व पुरूष के प्यार का .........
पुरूष
हमेशा
स्त्री का प्रथम प्यार
बनना चाहता है,
जबकि
स्त्री
हमेशा
पुरूष का अन्तिम प्यार
बनना
पसन्द करती है
-आस्कर वाइल्ड
enjoy laughter ke phatke
new year special
performing by
albela khatri & abhijit sawant
on STAR ONE 31 DEC.10 P.M.
Friday, December 25, 2009
Thursday, December 24, 2009
मनुष्य को भौंरे का अनुकरण करना चाहिए
जिस प्रकार
भौंरा
फूलों की रक्षा करता हुआ
मधु को
ग्रहण करता है,
उसी प्रकार
मनुष्य को हिंसा न करते हुए
अपने अर्थों को
ग्रहण करना चाहिए
- महात्मा विदुर
Wednesday, December 23, 2009
उन्हें और क्या पाना बाकी रहता है ?
अहंकार
का नाश करके
जिन्होंने आत्मानंद प्राप्त किया है,
उन्हें
और क्या पाना बाकी रहता है ?
अहंभाव
का नाश करना
और
आत्मा में
अवस्थित होना ही परमपद है
- रमण महर्षि
Sunday, December 20, 2009
Saturday, December 19, 2009
शिकायत करने वाला सोचे -जानसन
जब किसी का
शिकायत करने का
यह भाव हो
कि उसकी
कितनी कम
परवाह की जाती है,
तो वह सोचे
कि वह
दूसरों की
आनन्द वृद्धि में
कितना कम
योगदान देता है ।
- जानसन
Friday, December 18, 2009
अनुभूति जितनी सबल है उतनी बुद्धि नहीं
अनुभूति
अपनी सीमा में जितनी सबल है
उतनी बुद्धि नहीं ।
हमारे स्वयं जलने की
हलकी अनुभूति भी
दूसरे के
राख हो जाने
के ज्ञान से
अधिक स्थायी रहती है ।
- महादेवी वर्मा
Thursday, December 17, 2009
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कहा..............
जीवन में
विशेषकर राजनीति में
कोई चीज इतनी हानिकर
और खतरनाक नहीं है
जितना कि
डांवांडोल स्थिति में रहना ।
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस
Wednesday, December 16, 2009
मुझे वह हँसी प्रिय है..............
मुझे
वह हँसी प्रिय है
जो होठों और हृदय को
खोल देती है
तथा उसी समय
आत्मा और दांतों का
दर्शन करती है
-कार्लाइल
आज की रात ठीक दस बजे
albela khatri ke saath
LAUGHTER KE PHATKE ON STAR ONE
देखना न भूलें....TONIGHT 17 DEC. 10 P.M.
Tuesday, December 15, 2009
मुफ़्त में नहीं पुरूषार्थ से............
जिसे
निज गौरव
का भान रहता है,
वह
किसी चीज को
मुफ़्त
पा जाने की बनिस्बत
उसे
अपने
पुरूषार्थ
से प्राप्त करता है
-स्वामी रामतीर्थ
# lauuhter ke phatke with albela khatri
17 dec. 10.00 P.M. on STAR ONE
Monday, December 14, 2009
सब ख़ुशियों से सावधान रहना.....
दुनिया
जिसे आनन्द कहती है,
उससे
सावधान रहना ।
शाश्वत ख़ुशियों के अलावा
सब खुशियों से सावधान रहना ।
बादल
चाहे पदवियां और जागीरें बरसादें,
दौलत चाहे हमें ढूंढें ,
लेकिन
ज्ञान को तो
हमें ही खोजना पड़ेगा ।
-यंग
Sunday, December 13, 2009
पाप कर्म पीछा करता रहता है - गौतम बुद्ध
पाप कर्म
स्वच्छ दूध के समान
तत्काल ही
विकार नहीं लाता,
वह तो
राख में ढकी
अग्नि के समान
शनै: शनै:
जलते हुए
मूर्ख आदमी का
पीछा करता रहता है
- गौतम बुद्ध
Saturday, December 12, 2009
इस प्रकार का झूठ कई गुना बुरा है - रस्किन
दो अर्थों वाले शब्द लेकर,
किसी शब्द विशेष पर ज़ोर देकर
या आँख के इशारे से भी
झूठ बोला जाता है ।
इस प्रकार का झूठ
स्पष्ट शब्दों में बोले गए झूठ से
कई गुना बुरा है ।
-रस्किन
Friday, December 11, 2009
धर्म जैसी चीज नहीं मिल सकती
लड़ाई-झगड़ा,
वाद-विवाद
और
होड़ा-होड़ी
करके
चाहे जो चीज
मिल जाए
पर धर्म
जैसी चीज नहीं मिल सकती ।
धर्म का दण्ड
माँ का मुँह नहीं देखता रहता ।
-शरतचंद्र
Thursday, December 10, 2009
धैर्य के साथ ख़ूबी समझने की राह देखें -काका कालेलकर
जो बात हमें जंच जाय,
उसको हम स्वीकार करें,
जो न जँचे
उसके बारे में किसी से झगड़ा न करें ।
हम धैर्य के साथ
उसकी ख़ूबी
समझने की राह देखें ।
-काका कालेलकर
Wednesday, December 9, 2009
परिस्थिति चुन नहीं सकते, बना तो सकते हैं...
मनुष्य
अपनी परिस्थितियों को
प्रत्यक्षतः
नहीं चुन सकता
लेकिन
वह
अपने विचारों को चुन सकता है
और इस तरह
परोक्ष रूप से
किन्तु लाज़िमी तौर पर,
अपनी
परिस्थितियों का
निर्माण कर सकता है
- जेम्स एलन
Tuesday, December 8, 2009
नारी का कर्त्तव्य है कि वह शीघ्र विवाह कर ले - बर्नार्ड शा
हर नारी का कर्त्तव्य है
कि वह जितनी शीघ्र सम्भव हो सके,
विवाह कर ले
और पुरूष का कर्त्तव्य है कि
जहाँ तक सम्भव हो,
उससे दूर रहे...............
जार्ज बर्नार्ड शा
Monday, December 7, 2009
आधी रात को बिस्तर में ध्यान करता है.........
क्या तुम्हें मालूम है कि
सात्विक प्रकृति का मनुष्य
कैसे ध्यान करता है ?
वह आधी रात को
अपने बिस्तर में ध्यान करता है,
जिससे लोग उसे देख न सकें..
-स्वामी रामकृष्ण परमहंस
Sunday, December 6, 2009
प्रभु के न्याय में दृढ़ श्रद्धा हो गई है - खलील ज़िब्रान
जब से मुझे पता चला है
कि मखमल के गद्दे पर सोने वालों के
सपने
नंगी ज़मीं पर सोने वालों के
सपनों से
अधिक मधुर नहीं होते,
तब से मुझे
प्रभु के न्याय में
दृढ़ श्रद्धा हो गई है
- खलील ज़िब्रान
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