Wednesday, August 11, 2010

प्रत्येक के जीवन में इतना दुःख और विषाद




अगर हम अपने शत्रुओं की गुप्त आत्म-कहानियां पढ़ें

तो हमें प्रत्येक के जीवन में इतना दुःख और विषाद

भरा हुआ मिलेगा कि फिर हमारे मन में

उनके लिए ज़रा भी शत्रुभाव नहीं रहेगा

उलटे करुणा प्रस्फुटित होगी


- अज्ञात महापुरूष



Monday, August 2, 2010

मैं अपनी स्वाभाविक करुणा से मनुष्य को उसकी इच्छा से भी विशेष देता हूँ

जब सत्कर्मी को असह्य कष्ट हो,

तो समझना चाहिए कि ईश्वर शीघ्र ही उस पर कृपा करने वाला है


- अज्ञात महापुरूष



ईश्वर ने कहा है -

मैं अपनी स्वाभाविक करुणा से

मनुष्य को उसकी इच्छा से भी विशेष देता हूँ


- सादिक



ईश्वर की कृपा के बिना

मनुष्य के प्रयत्न से कुछ नहीं मिल सकता


- बायजीद




















www.albelakhatri.com