Friday, May 28, 2010

लक्ष्मी किन को छोड़ देती है ? इन पाँचों को........





मैले कपड़े पहनने वालों को,

गन्दे दाँत वालों को,

अधिक भोजन करने वालों को,

निष्ठुर बोलने वालों को

और सूर्योदय के बाद सोने वालों को

लक्ष्मी छोड़ देती है,

चाहे वह विष्णु ही क्यों हो

- अज्ञात




Thursday, May 27, 2010

तो तुझे इन्सान नहीं कहा जा सकता



अगर तू दूसरों की तकलीफ़ नहीं समझता

तो तुझे इन्सान नहीं कहा जा सकता

- शेख सादी



दूसरों को सताने के बराबर कोई नीचता नहीं है

- रामायण


Tuesday, May 25, 2010

पहले तो अकेला न था, लेकिन तूने आकर अकेला कर दिया





ईश्वर ने

इस संसार में जिसे अकेला बनाया है,

धन-वैभव नहीं दिया है,

सुख में प्रसन्न होने वाला और दुःख में गले लगा कर

रोने वाला साथी नहीं दिया है,

संसार के शब्दों में जिसे उसने 'दुखिया' बनाया है,

उसके जीवन में

उसने एक महान अभिप्राय भर दिया है ।



- रामकृष्ण परमहंस




एक साधू से किसी ने पूछा

तू अकेला क्यों बैठा है ?


साधू ने जवाब दिया कि पहले तो अकेला न था,

मालिक ध्यान में साथ था

लेकिन अब तूने आकर अकेला कर दिया ।


- अज्ञात सन्त पुरूष



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Monday, May 24, 2010

यदि वयस्क लोग उपदेशों पर स्वयं अमल करें





यदि
वयस्क लोग

उन उपदेशों पर स्वयं अमल करें

जो वे बच्चों को देते हैं,

तो दुनिया

अगले सोमवार को ही स्वर्ग तुल्य हो जाये


आर -किंग



Sunday, May 23, 2010

मनुष्यों से प्रेम करना अहिंसा नहीं है, यह तो व्यवहार है




द्वेष का कारण हुए बगैर कोई द्वेष नहीं करता ;

इसीलिए किसी ने द्वेष का कारण जुटाया हो तो भी

उससे द्वेष न करके, प्रेम करें ।

उस पर दया करके सेवा करना ही अहिंसा है ।

मनुष्यों से प्रेम करना अहिंसा नहीं है, यह तो व्यवहार है

-महात्मा गांधी


Saturday, May 22, 2010

यही अन्तर था दोनों में



दुर्योधन को

यज्ञ में सब ब्राह्मण

दुष्ट ही दुष्ट दिखाई दिए

और धर्मराज को

सब भले ही भले,

यही अंतर था दोनों में...........


- हरिभाऊ उपाध्याय

Thursday, May 20, 2010

दुनिया सबसे अच्छी रंगशाला है


बाहरी एकान्त

वास्तविक एकान्त नहीं

मन में चिन्ता

और शंका का प्रवेश हो,

वही सच्चा एकान्त है


- आविस




एकान्त

अच्छी पाठशाला है

लेकिन दुनिया

सबसे अच्छी रंगशाला है


- जे टेलर




एकान्त

ज्ञानी के लिए स्वर्ग है

और

मूर्ख के लिए क़ैद खाना


- शम्स तबरेज़



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यही कहा जा सकता है कि उसने बहुतों की बलि दे दी




हम

उपदेश

सुनते हैं मन भर, देते हैं टन भर

पर ग्रहण करते हैं कण भर


- अलजर





जो आदमी

बिना आप पूरा हुए

दूसरों को उपदेश देता है

वह बहुतों का गला काटता है;

पर जो आप पूरा होकर दूसरों को शिक्षा नहीं देता

उसके बारे में भी यही कहा जा सकता है

कि उसने बहुतों की बलि दे दी



- जापान

Tuesday, May 18, 2010

वरना वह उसका मतलब न समझेगा............



जो कुछ कहना है

उसको जहाँ तक हो सके, संक्षेप में कहो;

वरना

पढ़ने वाला

उसको छोड़ता चला जाएगा ;

और जहाँ तक हो सके सादा लफ़्ज़ों में कहो

वरना

वह उसका मतलब समझेगा


- रस्किन

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Monday, May 17, 2010

नेक काम भी गुप्त रह कर ही कारगर होते हैं




शहद
की मक्खियाँ

सिर्फ़ अँधेरे में काम करती हैं ;

विचार

सिर्फ़ खामोशी में काम करते हैं;

नेक काम भी

गुप्त रह कर ही कारगर होते हैं

अपने दायें हाथ को मालूम पड़ने दे

कि तेरा बायाँ हाथ क्या करता है


-
कार्लाइल
















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Sunday, May 16, 2010

वे लोग जिनके पास सिवाय तेरे सब कुछ है.....




मेरे प्रभो !

वे लोग जिनके पास सिवाय तेरे सब कुछ है,

उन लोगों पर हँसते हैं

जिनके पास

सिवाय तेरे कुछ नहीं है


- गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर



Wednesday, May 5, 2010

सत्य की बलि नहीं दी जा सकती




सत्य के लिए


सब कुछ त्यागा जा सकता है


लेकिन सत्य को


किसी भी चीज के लिए


नहीं छोड़ा जा सकता ।


सत्य की बलि


नहीं दी जा सकती



- स्वामी विवेकानन्द