हास्यकवि अलबेला खत्री द्वारा रचित व संकलित भजन,स्तुतियाँ तथा महापुरूषों के अमृत वचन
Wednesday, August 11, 2010
प्रत्येक के जीवन में इतना दुःख और विषाद
अगर हम अपने शत्रुओं की गुप्त आत्म-कहानियां पढ़ें
तो हमें प्रत्येक के जीवन में इतना दुःख और विषाद
भरा हुआ मिलेगा कि फिर हमारे मन में
उनके लिए ज़रा भी शत्रुभाव नहीं रहेगा
उलटे करुणा प्रस्फुटित होगी
- अज्ञात महापुरूष
Monday, August 2, 2010
मैं अपनी स्वाभाविक करुणा से मनुष्य को उसकी इच्छा से भी विशेष देता हूँ
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