धर्म और अध्यात्म के आलोक स्तम्भ
हास्यकवि अलबेला खत्री द्वारा रचित व संकलित भजन,स्तुतियाँ तथा महापुरूषों के अमृत वचन
Monday, December 6, 2010
मैं विश्व के महान तत्त्व का एक अंश हूँ
मनुष्य
तब तक अपनी पूर्ण शक्ति को प्राप्त नहीं कर सकता
जब तक
वह इस बात को मन, वचन और शरीर से न समझ ले
कि मैं विश्व के महान तत्त्व का एक अंश हूँ
-
स्वेट
मार्डेन
Sunday, December 5, 2010
संस्कृति
बड़ी
से
बड़ी
बात
को
सरल
तरीके
से
कहना
उच्च
संस्कृति
का
प्रमाण
है
-
एमर्सन
Saturday, December 4, 2010
अनमोल वचन ईसा का
ख़ुश
किस्मत
हैं
वे
जिनका
दिल
साफ़
है
,
क्योंकि
उन्हें
परमात्मा
के
दर्शन
ज़रूर
होंगे
।
-
ईसा
Friday, December 3, 2010
सुख लीजिये, सुखी रहिये...
वह
सुखी
है
जिसकी
परिस्थितियां
उसके
मिजाज़
के
अनुकूल
है
;
लेकिन
वह
और
भी
आनन्द
में
है
जो
अपने
मिजाज़
को
हर
परिस्थिति
के
अनुकूल
बना
लेता
है
-
ह्यूम
Thursday, December 2, 2010
ये शाश्वत सिद्धान्त है धर्म का
जिसकी संगति में -
फिर वह व्यक्ति हो, समाज हो या संस्था हो -
अपूर्णता मालूम हो
वहां पूर्णता लाने का प्रयत्न करना अपना धर्म है ।
गुणों की अपेक्षा दोष बढ़ते हों तो
उसका त्याग-असहयोग-धर्म है ।
यह शाश्वत सिद्धान्त है
-
महात्मा
गांधी
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