प्रत्येक के जीवन में इतना दुःख और विषाद
अगर हम अपने शत्रुओं की गुप्त आत्म-कहानियां पढ़ें
तो हमें प्रत्येक के जीवन में इतना दुःख और विषाद
भरा हुआ मिलेगा कि फिर हमारे मन में
उनके लिए ज़रा भी शत्रुभाव नहीं रहेगा
उलटे करुणा प्रस्फुटित होगी
- अज्ञात महापुरूष
1 comment:
बेहतरीन!
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