Wednesday, June 30, 2010

तेरी नज़र दूसरी किसी वस्तु को नहीं देखती




यदि तू ईश्वर के प्रेम में पागल होता तो वजू नहीं करता,

ज्ञानी होता तो दूसरे की स्त्री पर नज़र नहीं डालता

और जो ईश्वर-दर्शी होता तो

ईश्वर छोड़ कर

तेरी नज़र दूसरी किसी वस्तु को नहीं देखती


- अज्ञात महापुरुष



Monday, June 28, 2010

क्योंकि बहाना सुरक्षित झूठ है




बहाना झूठ से भी बदतर

और भयंकरतर चीज है

क्योंकि बहाना सुरक्षित झूठ है ।

- पोप



जैसे जिन घरों में सामग्री बहुत भरी रहती है

उनमे चूहे भरे हो सकते हैं,

उसी तरह जो लोग बहुत खाते हैं

वे रोगों से भरे होते हैं ।


डायोजिनीज़




ज़्यादा खाने वालों के लिए

उनका चौका उनका मन्दिर है,

रसोइया उनका पुरोहित,

थाली उनकी बलिवेदी

और पेट उनका परमात्मा है ।


बक


hindi kavi, hindi kavita, albela khatri, swarnim gujarat, free video, nude girl, adult content, arz kiya hai, salaam namaste haste haste, poetry, sahitya, hasyahungama, facebook,  google,












www.albelakhatri.com




Monday, June 21, 2010

तो मैं हूँ ही किसलिए ?




अगर मैं अपने लिए नहीं हूँ,

तो मेरे लिए कौन होगा ?

और अगर मैं सिर्फ़ अपने लिए हूँ,

तो मैं हूँ ही किसलिए ?

- अज्ञात महापुरुष



मैं कौन हूँ ?

ईश्वर का दिया खाने वाला

और शैतान का हुक्म बजाने वाला

- मलिक दिनार



www.albelakhatri.com



Sunday, June 20, 2010

सात असम्भव बातें.............

कौवे में पवित्रता,

जुआरी में सत्य,

सर्प में सहनशीलता,

स्त्री में कामशान्ति,

नामर्द में धीरज,

शराबी में तत्त्वचिन्ता

और राजा में मैत्री

किसने देखी या सुनी है ?


-पंचतंत्र

Saturday, June 19, 2010

दीपक की भांति अन्तःकरण भी प्रत्यक्ष करता है



जिस प्रकार दीपक

दूसरी वस्तुओं को प्रकाशित करता है

और अपने स्वरूप को भी प्रकाशित करता है,

उसी प्रकार अन्तःकरण

दूसरी वस्तुओं को प्रत्यक्ष करता

और अपने को भी प्रत्यक्ष करता है


-सम्पूर्णानंद




Friday, June 18, 2010

जीव को व्यर्थ मत मारिये




सब प्राणियों का खून एक है,

चाहे वह बकरी हो,

गाय हो या अपनी सन्तान

पीर पैगम्बर और औलिया -

सब एक एक दिन मर जायेंगे

इसलिए अपने शरीर का पालन करने के लिए

जीव को व्यर्थ मत मारिये


-श्री गुरू नानकदेव जी



Wednesday, June 16, 2010

सत्य को जानिये...............



सत्य पर अनेक विद्वानों ने अपने विचार कहे हैं

देखिये इस लिंक पर


http://albelakhari।blogspot।com/2010/06/blog-post_17.html

Saturday, June 12, 2010

आज़ादी जिसका नाम है उसमे यह सब शामिल है -





आज़ादी
जिसका नाम है

उसमे


यह
सब शामिल है -
मिलने-जुलने की आज़ादी,
रुपये -पैसे की आज़ादी,
घर-गृहस्थी की आज़ादी,
सरकार बनाने की आज़ादी,
सोचने-विचारने की आज़ादी
और
आत्मिक आज़ादी

एक भी हो, इन में से तो
आज़ादी,
आज़ादी नहीं,
ग़ुलामी है


-
महात्मा भगवानदीन












http://albelakhari.blogspot.com/2010/06/blog-post_4274.html

http://hindihasyakavisammelan.blogspot.com/2010/06/blog-post_12.html

http://www.albelakhatri.com/

Thursday, June 10, 2010

जैसे अर्ध-जागृत बालक अपनी माँ को देखता है



जब तक कामिनी और कंचन का मोह नहीं छूट जाता,

ईश्वर के दर्शन नहीं हो सकते



ईश्वर के दर्शन

तब होते हैं

जब मन शान्त हो जाता है


-रामकृष्ण परमहंस



मैंने तुझे उसी तरह देखा है,

जिस तरह कि अर्ध-जागृत बालक

प्रातः काल के धुंधलेपन में अपनी माँ को देखता है

और थोड़ा सा मुस्कुराता है,

फिर सो जाता है


- रवीन्द्रनाथ टैगोर


hindi kavi, hasyakavi, kavi sammelan, albela khatri,  hasyakavi albelakhatri, poet, taigor, ishwar, brahmkshtriya.com, brahamkshtriya samachar, bhumika kaku, sexy video, free sex, nude, dance program, sen sex










www.albelakhatri.com

Wednesday, June 2, 2010

संतोष ही इन्सान का बेहतरीन खाना-खज़ाना है




सांप हवा खाकर ज़िन्दा रहते हैं

तब भी दुर्बल नहीं होते,

जंगली हाथी सूखी घास खाकर जीते हैं

मगर बलवान होते हैं,

साधु लोग कन्द-मूल फल खाकर अपना समय गुज़ारते हैं

परन्तु तेजस्वी होते हैं

अर्थात

संतोष ही इन्सान का बेहतरीन खाना-खज़ाना है


- अज्ञात महापुरुष