हास्यकवि अलबेला खत्री द्वारा रचित व संकलित भजन,स्तुतियाँ तथा महापुरूषों के अमृत वचन
सत्य बचन धन्यवाद। बहुत दिनो बाद बलागवानी पर नजर आये?
एक हद तक सही , हम अपने असली स्वरूप को तो भूल ही गए , परमात्मा से अलग होकर आए तो अपने गुण भी भूल गए , भटक गए |
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सत्य बचन धन्यवाद। बहुत दिनो बाद बलागवानी पर नजर आये?
एक हद तक सही , हम अपने असली स्वरूप को तो भूल ही गए , परमात्मा से अलग होकर आए तो अपने गुण भी भूल गए , भटक गए |
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