Thursday, October 28, 2010

त्याग सूखी रोटी खाने में नहीं, आरज़ू को जीतने में है





त्याग यह नहीं है कि मोटे और सख्त कपड़े पहन लिए जायें

और सूखी रोटी खायी जाये

त्याग तो यह है

कि अपनी आरजू, इच्छा और ख्वाहिश को जीता जाये


- सूफ़ियान सौरी

hasyakavi,albela khatri,brahmkhatri,tikamchand varde,hindi kavita, big boss, laughter champion,surat  kalakar

No comments: