Monday, November 1, 2010

मैं फिर से अमीर हो जाता हूँ




कभी-कभी मैं द्रव्यहीन हो जाता हूँ,

यहाँ तक कि मेरी हीनता बहुत बढ़ जाती है

परन्तु अपनी मर्यादा को स्थिर रखते ही

मैं फिर से अमीर हो जाता हूँ


-इब्न-अब्दुल-इल-असदी



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