Friday, December 3, 2010

सुख लीजिये, सुखी रहिये...





वह सुखी है

जिसकी परिस्थितियां उसके मिजाज़ के अनुकूल है ;

लेकिन वह और भी आनन्द में है

जो अपने मिजाज़ को हर परिस्थिति के अनुकूल बना लेता है


-ह्यूम



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