आज़ादी जिसका नाम है
उसमे
यह सब शामिल है -
मिलने-जुलने की आज़ादी,
रुपये -पैसे की आज़ादी,
घर-गृहस्थी की आज़ादी,
सरकार बनाने की आज़ादी,
सोचने-विचारने की आज़ादी
और
आत्मिक आज़ादी ।
एक भी न हो, इन में से तो
आज़ादी,
आज़ादी नहीं,
ग़ुलामी है ।
- महात्मा भगवानदीन
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1 comment:
सत्य वचन आभार
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