धर्म और अध्यात्म के आलोक स्तम्भ
हास्यकवि अलबेला खत्री द्वारा रचित व संकलित भजन,स्तुतियाँ तथा महापुरूषों के अमृत वचन
Wednesday, June 30, 2010
तेरी नज़र दूसरी किसी वस्तु को नहीं देखती
यदि
तू
ईश्वर
के
प्रेम
में
पागल
होता
तो
वजू
नहीं
करता
,
ज्ञानी
होता
तो
दूसरे
की
स्त्री
पर
नज़र
नहीं
डालता
और
जो
ईश्वर
-
दर्शी
होता
तो
ईश्वर
छोड़
कर
तेरी
नज़र
दूसरी
किसी
वस्तु
को
नहीं
देखती
।
-
अज्ञात
महापुरुष
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