हास्यकवि अलबेला खत्री द्वारा रचित व संकलित भजन,स्तुतियाँ तथा महापुरूषों के अमृत वचन
अगर मैं अपने लिए नहीं हूँ,तो मेरे लिए कौन होगा ?और अगर मैं सिर्फ़ अपने लिए हूँ,तो मैं हूँ ही किसलिए ?--संग्रह करने योग्य!
विचारणीय ...स्वयं की खोज में सार्थक उक्ति
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अगर मैं अपने लिए नहीं हूँ,
तो मेरे लिए कौन होगा ?
और अगर मैं सिर्फ़ अपने लिए हूँ,
तो मैं हूँ ही किसलिए ?
--
संग्रह करने योग्य!
विचारणीय ...स्वयं की खोज में सार्थक उक्ति
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