Thursday, January 7, 2010

दार्शनिक होने का अर्थ




दार्शनिक होने का अर्थ


केवल सूक्ष्मविचारक होना नहीं है


या किसी


दर्शन - प्रणाली को चला देना नहीं है


बल्कि यह है कि


हम ज्ञान के ऐसे प्रेमी बन जाएँ कि


उसके इशारों पर चलते हुए


विश्वास,


सादगी,


स्वतन्त्रता और उदारता का


जीवन


व्यतीत करने लगें



- थोरो




3 comments:

Unknown said...

बहुत ही सुन्दर विचार!

आज तो लोग दर्शन की बात ज्ञान सीखने सिखाने के लिये न करके महज नाम कमाने के लिये करते हैं।

Anonymous said...

koi virale hi aise milenge!!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

सुन्दर सूक्ति!