Sunday, January 10, 2010

मानव की भी परीक्षा की जाती है




जिस प्रकार


काट कर,


तपा कर,


घिस कर


और


पीट कर


कंचन की पहचान की जाती है,


उसी तरह


त्याग,


शील,


गुण


और


कर्म,


इन चारों प्रकार से


मानव की भी परीक्षा की जाती है




- चाणक्य



2 comments:

Unknown said...

अलबेला जी, अच्छे विचारों की श्रृंखला प्रस्तुत करके आप एक बहुत ही अच्छा कार्य कर रहे हैं।

Anonymous said...

in charo ko jeevan me apnane ka prayas nirantar jaari hai.