यही कहा जा सकता है कि उसने बहुतों की बलि दे दी
हम
उपदेश
सुनते हैं मन भर, देते हैं टन भर
पर ग्रहण करते हैं कण भर
- अलजर
जो आदमी
बिना आप पूरा हुए
दूसरों को उपदेश देता है
वह बहुतों का गला काटता है;
पर जो आप पूरा होकर दूसरों को शिक्षा नहीं देता
उसके बारे में भी यही कहा जा सकता है
कि उसने बहुतों की बलि दे दी - जापान
3 comments:
बिलकुल सही कहा आपने इन्सान को जमीनी स्तर पर कुछ करना भी चाहिए,सिर्फ उपदेश सुनने और पढने से कुछ नहीं होता है / / विचारणीय प्रस्तुती / हम चाहते हैं की इंसानियत की मुहीम में आप भी अपना योगदान दें / पढ़ें इस पोस्ट को और हर संभव अपनी तरफ से प्रयास करें http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/05/blog-post_20.html
उपदेशों की सुन्दर सूक्तियाँ पढ़वाने के लिए आभार!
एक बार फिर आप ने वह कहा जो अटल सत्य है ।
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