हास्यकवि अलबेला खत्री द्वारा रचित व संकलित भजन,स्तुतियाँ तथा महापुरूषों के अमृत वचन
काश! ऐसा होता!यदि ऐसा होता तो "पर उपदेश कुशल बहुतेरे" मुहावरा भी ना होता।
बहुत सही!मगर वयत्क लोग तो केवल उपदेश करना ही जानते हैं!हमेशा से यही होता आ रहा है!
bilkul sahi baat kahi...
व्यस्क लोगो का काम उपदेश देना होता है अमल करना नहीं !
बिलकुल ,किसी भी अच्छे काम की शुरुआत हमें अपने जमीर को पहले जगा कर करना चाहिए और उसमे पूरी ईमानदारी भी निभानी चाहिए /
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काश! ऐसा होता!
यदि ऐसा होता तो "पर उपदेश कुशल बहुतेरे" मुहावरा भी ना होता।
बहुत सही!
मगर वयत्क लोग तो केवल
उपदेश करना ही जानते हैं!
हमेशा से यही होता आ रहा है!
bilkul sahi baat kahi...
व्यस्क लोगो का काम उपदेश देना होता है अमल करना नहीं !
बिलकुल ,किसी भी अच्छे काम की शुरुआत हमें अपने जमीर को पहले जगा कर करना चाहिए और उसमे पूरी ईमानदारी भी निभानी चाहिए /
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