Sunday, May 23, 2010

मनुष्यों से प्रेम करना अहिंसा नहीं है, यह तो व्यवहार है




द्वेष का कारण हुए बगैर कोई द्वेष नहीं करता ;

इसीलिए किसी ने द्वेष का कारण जुटाया हो तो भी

उससे द्वेष न करके, प्रेम करें ।

उस पर दया करके सेवा करना ही अहिंसा है ।

मनुष्यों से प्रेम करना अहिंसा नहीं है, यह तो व्यवहार है

-महात्मा गांधी


1 comment:

फ़िरदौस ख़ान said...

वाजिब बात कही...