पहले तो अकेला न था, लेकिन तूने आकर अकेला कर दिया
ईश्वर ने
इस संसार में जिसे अकेला बनाया है,
धन-वैभव नहीं दिया है,
सुख में प्रसन्न होने वाला और दुःख में गले लगा कर
रोने वाला साथी नहीं दिया है,
संसार के शब्दों में जिसे उसने 'दुखिया' बनाया है,
उसके जीवन में
उसने एक महान अभिप्राय भर दिया है ।
- रामकृष्ण परमहंस
एक साधू से किसी ने पूछा
तू अकेला क्यों बैठा है ?
साधू ने जवाब दिया कि पहले तो अकेला न था,
मालिक ध्यान में साथ था
लेकिन अब तूने आकर अकेला कर दिया ।
- अज्ञात सन्त पुरूष
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4 comments:
बहुत खूब
शानदार
एक साधू से किसी ने पूछा
तू अकेला क्यों बैठा है ?
साधू ने जवाब दिया कि पहले तो अकेला न था,
मालिक ध्यान में साथ था
लेकिन अब तूने आकर अकेला कर दिया ।
वाह ! गहरी और सत्य के करीब पेशकश .....
सुन्दर वचन से अवगत कराने का शुक्रिया । वो तकलीफ ,वो चुभन बेहतरी के लिए है , अशान्त मन क्या समझ पाता है ...मगर ये वचन कि वो किसी खास मकसद के लिए पैदा हुआ है ...असीम धैर्य और जीवनी-शक्ति से भर सकता है ।
दोनों उक्तियाँ सटीक
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