Saturday, May 22, 2010

यही अन्तर था दोनों में



दुर्योधन को

यज्ञ में सब ब्राह्मण

दुष्ट ही दुष्ट दिखाई दिए

और धर्मराज को

सब भले ही भले,

यही अंतर था दोनों में...........


- हरिभाऊ उपाध्याय

3 comments:

कविता रावत said...

Saarthak prastuti ke liye dhanyavaad...

Anonymous said...

आजकल के ब्राह्मणों को देखकर दुर्योधन से ख्याल आते है मन मे कभी-कभी , तो हम गलत है

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

सोच-सोच का अन्तर है!