Thursday, May 20, 2010

दुनिया सबसे अच्छी रंगशाला है


बाहरी एकान्त

वास्तविक एकान्त नहीं

मन में चिन्ता

और शंका का प्रवेश हो,

वही सच्चा एकान्त है


- आविस




एकान्त

अच्छी पाठशाला है

लेकिन दुनिया

सबसे अच्छी रंगशाला है


- जे टेलर




एकान्त

ज्ञानी के लिए स्वर्ग है

और

मूर्ख के लिए क़ैद खाना


- शम्स तबरेज़



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4 comments:

Shah Nawaz said...

बहुत बढ़िया, बहुत खूब! बड़ो की बड़ी बातें! :)

SANJEEV RANA said...

बहुत बढ़िया अलबेला साहब

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

अनुकरणीय और शिक्षाप्रद!

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

एकान्त

ज्ञानी के लिए स्वर्ग है

और

मूर्ख के लिए क़ैद खाना
१०० टके की बात !