Thursday, May 27, 2010

तो तुझे इन्सान नहीं कहा जा सकता



अगर तू दूसरों की तकलीफ़ नहीं समझता

तो तुझे इन्सान नहीं कहा जा सकता

- शेख सादी



दूसरों को सताने के बराबर कोई नीचता नहीं है

- रामायण


3 comments:

Shah Nawaz said...

ज़बरदस्त विचार. बहुत खूब!

SANJEEV RANA said...

"कह गिरधर कविराय जगत यही लेखा भाई
करत बेगरजी प्रीती यार बिरला कोई साईं "

M VERMA said...

साधुवचन