Monday, May 24, 2010

यदि वयस्क लोग उपदेशों पर स्वयं अमल करें





यदि
वयस्क लोग

उन उपदेशों पर स्वयं अमल करें

जो वे बच्चों को देते हैं,

तो दुनिया

अगले सोमवार को ही स्वर्ग तुल्य हो जाये


आर -किंग



5 comments:

Unknown said...

काश! ऐसा होता!

यदि ऐसा होता तो "पर उपदेश कुशल बहुतेरे" मुहावरा भी ना होता।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सही!
मगर वयत्क लोग तो केवल
उपदेश करना ही जानते हैं!
हमेशा से यही होता आ रहा है!

दिलीप said...

bilkul sahi baat kahi...

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

व्यस्क लोगो का काम उपदेश देना होता है अमल करना नहीं !

honesty project democracy said...

बिलकुल ,किसी भी अच्छे काम की शुरुआत हमें अपने जमीर को पहले जगा कर करना चाहिए और उसमे पूरी ईमानदारी भी निभानी चाहिए /