हास्यकवि अलबेला खत्री द्वारा रचित व संकलित भजन,स्तुतियाँ तथा महापुरूषों के अमृत वचन
और खरा उतरने की क्या सीमा है, शुक्र है पतंजलि जी इस उत्तर आधुनिक समय में नहीं जी रहे...
swagat,patanjali ka smaran karane ke liye.
ek or! good luck.narayan narayan
" bahut hi badhiya "" aapka swagat hai "----- eksacchai { AAWAZ }http://eksacchai.blogspot.com
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और खरा उतरने की क्या सीमा है, शुक्र है पतंजलि जी इस उत्तर आधुनिक समय में नहीं जी रहे...
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----- eksacchai { AAWAZ }
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