हास्यकवि अलबेला खत्री द्वारा रचित व संकलित भजन,स्तुतियाँ तथा महापुरूषों के अमृत वचन
शिक्षाप्रद विचारों की एक और सुन्दर कड़ी!"चिता मनुष्य को एक बार में जलाती है किन्तु चिन्ता उसे तिल-तिल करके जलाती है।"
बहुत सही कहा है ......
चिंता के अलावा कमेंट के इंतजार में भी बहुत थकान होती है, नहीं?
aap chun-chun ke isi tarah gyan ke moti bikherte rahiye batornewaale kayi hai line me:)
बिलकुल सही बात शुभकामनायें
एकदम सही बात है ! चिंता और परेशानी से ही इंसान बहुत ज़्यादा थक जाता है !
सत्य वचन!
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7 comments:
शिक्षाप्रद विचारों की एक और सुन्दर कड़ी!
"चिता मनुष्य को एक बार में जलाती है किन्तु चिन्ता उसे तिल-तिल करके जलाती है।"
बहुत सही कहा है ......
चिंता के अलावा कमेंट के इंतजार में भी बहुत थकान होती है, नहीं?
aap chun-chun ke isi tarah gyan ke moti bikherte rahiye batornewaale kayi hai line me:)
बिलकुल सही बात शुभकामनायें
एकदम सही बात है ! चिंता और परेशानी से ही इंसान बहुत ज़्यादा थक जाता है !
सत्य वचन!
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