Friday, July 9, 2010

भीतर से तो वह सदा ईश्वर से मिलता रहता है




साधु पुरूष का लक्षण यह है कि

वह जिस किसी से भी मिलता है, बाहर से ही मिलता है

भीतर से तो वह सदा ईश्वर से मिलता रहता है


-अज्ञात महापुरूष




8 comments:

Ravi Kant Sharma said...

सत्य बचन! इसी को परमहँस अवस्था कहते हैं।

Ravi Kant Sharma said...

सत्य बचन! इसी को परमहँस अवस्था कहते हैं।

Ravi Kant Sharma said...

सत्य बचन! इसी को परमहँस अवस्था कहते हैं।

Ravi Kant Sharma said...

सत्य बचन! इसी को परमहँस अवस्था कहते हैं।

honesty project democracy said...

बिलकुल सही बात ,लेकिन आज साधु पुरुष उसे भी कहा जा सकता है जो सत्य,न्याय,ईमानदारी और देशभक्ति की लड़ाई लड़ रहे हैं या ऐसे लड़ाई लड़ रहें लोगों को सुरक्षा प्रदान कर रहें हैं |ऐसे लोग आज के भगवान हैं ,मिलिए ऐसे ही लोगों से इस पोस्ट पर -
http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/07/ias-ips.html

समयचक्र said...

बिलकुल सही बात...

समयचक्र said...

बिलकुल सही बात...

vandana gupta said...

बिल्कुल सही कहा।