भूख भले ही मिट जाये, मगर अन्त में उनसे मौत ही मिलती है
हमारी ख़ुशियाँ वास्तव में कितनी कम हैं,
अफ़सोस है कि उनकी खातिर हम अपने चिरन्तन कल्याण को भी
खतरे में डाल देते हैं
-बेली
पापमय और फरेब से प्राप्त की गई ख़ुशियाँ
ज़हरीली रोटियों की तरह हैं, उनसे उस वक्त भूख भले ही मिट जाये,
मगर अन्त में उनसे मौत ही मिलती है
-तायरन एडवर्ड्स
2 comments:
सुन्दर विचार!
क्षणिक सुख पाने के लिए प्रत्येक मनुष्य घोर कष्ट झेलता है!!
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