हास्यकवि अलबेला खत्री द्वारा रचित व संकलित भजन,स्तुतियाँ तथा महापुरूषों के अमृत वचन
और समयानुसार तथा अपने विवेकानुसार इन दोनो का ही प्रयोग किया जाना चाहिये .. धन्य हैं आप ।
सत्य वचन, प्रभु...जो उचित लगे जिस समय!
अजी पहला उपाय तो आपने कर ही दिया है!
aaj kal ki parsthiti me dusara upay hi uchit hai.
एकदम सत्य वचन सर, लेकिन आज के युग में बेहतर यहे है कि जूते से झाड दिया जाए, क्या पता फिर लैब चुबने आ जाए !
खत्री जी सौ फीसदी सही वचन! जिस जगह पर जिसकी ज़रूरत हो वहीँ पर उसका प्रयोग करना चाहिए !
" saty vachan sir " ----- eksacchai { AAWAZ }http://eksacchai.blogspot.com
aaj pahli baar idhar aana hua mera.. चर्चा हिन्दी चिट्ठों की.. ke aabhaari hain yahan tak pahunchaane ke liye.. shandaar hain sooktiyan.. accha prayas inko ekatrit karne ka..
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और समयानुसार तथा अपने विवेकानुसार इन दोनो का ही प्रयोग किया जाना चाहिये .. धन्य हैं आप ।
सत्य वचन, प्रभु...जो उचित लगे जिस समय!
अजी पहला उपाय तो आपने कर ही दिया है!
aaj kal ki parsthiti me dusara upay hi uchit hai.
एकदम सत्य वचन सर, लेकिन आज के युग में बेहतर यहे है कि जूते से झाड दिया जाए, क्या पता फिर लैब चुबने आ जाए !
खत्री जी सौ फीसदी सही वचन! जिस जगह पर जिसकी ज़रूरत हो वहीँ पर उसका प्रयोग करना चाहिए !
" saty vachan sir "
----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
aaj pahli baar idhar aana hua mera..
चर्चा हिन्दी चिट्ठों की.. ke aabhaari hain yahan tak pahunchaane ke liye.. shandaar hain sooktiyan.. accha prayas inko ekatrit karne ka..
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