धर्म सम्बन्धी झगड़े सदैव खोखली और असार बातों पर ही होते हैं
धर्म को लेकर कभी विवाद न करो ।
धर्म सम्बन्धी
सारे विवाद और झगड़े
केवल यही दर्शाते हैं
कि वहां आध्यात्मिकता का अभाव है ।
धर्म सम्बन्धी झगड़े
सदैव
खोखली और असार
बातों
पर ही होते हैं
- स्वामी विवेकानंद
6 comments:
विवेकानंद जी की एक एक बार अमृत पान के सामन है, इसे ग्रहण करना अमृत पीने के समान होगा।
धर्म सम्बन्धी
सारे विवाद और झगड़े
केवल यही दर्शाते हैं
कि वहां आध्यात्मिकता का अभाव है ।
बिलकुल सही बात है आजकल लोग केवल धार्मिक हैं अध्यात्म से दूर दूर तक नाता नहीं है बधाई इस सुन्दर संदेश के लिये
विवेकानंद जी की एक एक बार अमृत पान के सामन है, इसे ग्रहण करना अमृत पीने के समान होगा।
satya vachan...
मानव धर्म एक है .. पर उसकी रक्षा के लिए हमारे पास अलग अलग मत हैं .. क्षेत्र और काल के हिसाब से सबका अलग अलग महत्व है .. इसपर चर्चा करना ही व्यर्थ है !!
धर्म तो धारण करने का नाम है...यदि इसे अन्तर में सहेजने, आचरण में ढालने की बजाय इसका बाह्य तौर पर प्रदर्शन किया जाएगा तो झगडे तो होंगे ही...
धर्म को लेकर कभी विवाद न करो ।
गाँठ बाँध ली है जी!
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