Wednesday, November 18, 2009

धर्म सम्बन्धी झगड़े सदैव खोखली और असार बातों पर ही होते हैं




धर्म को लेकर कभी विवाद करो


धर्म सम्बन्धी


सारे विवाद और झगड़े


केवल यही दर्शाते हैं


कि वहां आध्यात्मिकता का अभाव है



धर्म सम्बन्धी झगड़े


सदैव


खोखली और असार


बातों


पर ही होते हैं



- स्वामी विवेकानंद



6 comments:

Pramendra Pratap Singh said...

विवेकानंद जी की एक एक बार अमृत पान के सामन है, इसे ग्रहण करना अमृत पीने के समान होगा।

निर्मला कपिला said...

धर्म सम्बन्धी


सारे विवाद और झगड़े


केवल यही दर्शाते हैं


कि वहां आध्यात्मिकता का अभाव है ।
बिलकुल सही बात है आजकल लोग केवल धार्मिक हैं अध्यात्म से दूर दूर तक नाता नहीं है बधाई इस सुन्दर संदेश के लिये

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

विवेकानंद जी की एक एक बार अमृत पान के सामन है, इसे ग्रहण करना अमृत पीने के समान होगा।
satya vachan...

संगीता पुरी said...

मानव धर्म एक है .. पर उसकी रक्षा के लिए हमारे पास अलग अलग मत हैं .. क्षेत्र और काल के हिसाब से सबका अलग अलग महत्‍व है .. इसपर चर्चा करना ही व्‍यर्थ है !!

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

धर्म तो धारण करने का नाम है...यदि इसे अन्तर में सहेजने, आचरण में ढालने की बजाय इसका बाह्य तौर पर प्रदर्शन किया जाएगा तो झगडे तो होंगे ही...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

धर्म को लेकर कभी विवाद न करो ।
गाँठ बाँध ली है जी!