वह जूता बनाने वाला उस प्राध्यापक से श्रेष्ठ है............
एक मोची,
जो कम से कम समय में
बढ़िया और मजबूत
जूतों की जोड़ी
तैयार कर सकता है,
अपने व्यवसाय में
वह
उस प्राध्यापक की अपेक्षा
कहीं अधिक श्रेष्ठ है
जो दिन भर
थोथी बकवास
ही करता रहता है
- स्वामी विवेकानंद
7 comments:
bilkul sahi kaha aapne....
sateek vichaar........
बिलकुल सही कहा है\ धन्यवाद्
इसी लिए वे विवेकानंद थे !
मगर अब तो मोचियों का काम
अन्य लोगों ने छीन लिया है।
नगरों में "गुप्ता बूट हाउस" और
"शर्मा बूट हाउस" अधिक नजर आते हैं।
सुन्दर विचारों की श्रृंखला में एक और कड़ी!
हमेशा की तरह बहुत बढ़िया और सठिक लिखा है आपने !
सत्य वचन्!!
Post a Comment