Sunday, December 27, 2009

सन्त कबीर कहते हैं............




कबीरा

गरब कीजिये,

कबहूँ

हँसिये कोय



अबहूँ

नाव समुद्र में,



जाने का होय



-सन्त कबीर



4 comments:

Unknown said...

सही कथन है!

रावण ने अभिमान किया और उसका क्या हाल हुआ यह तो सभी जानते हैं।

समयचक्र said...

सत्य वचन ..नववर्ष की शुभकामना के साथ ...आभार

Anonymous said...

आभार. नव वर्ष कि हार्दिक शुभकामनाएं!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

.नववर्ष की शुभकामनाएँ!